Saturday, February 11, 2012

वो जाते भी है छोड़ कर, और कहते भी है के तुम्हारी याद आएगी...!!!!!


वो जाते भी है छोड़ कर,
और कहते भी है के तुम्हारी याद आएगी,,

पल पल में दर्द का अहशाश बढ़ता भी है,
और अगले पल मे शायद जान निकल जाएगी..

बस कुछ वक़्त ही तो बाकि है,
जैसे ही शाम होगी, रोशनी चली जाएगी...

ना कभी रोका था, ना कभी रोकेगा "कसक",
बस यही कहते-कहते बदली गुज़र जाएगी...

बस शायद अब कुछ ना बचा उस सज़र की तपिश मे,
अब इस दिल की तपिश से आँखे बिखर जाएँगी...

अमित बृज किशोर खरे
"कसक"

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