Friday, October 1, 2021

कौन हूँ मैं?


कौन हूँ मैं,

इंसान हूँ, या शैतान हूँ,

या सिर्फ मांशका लोथड़ा,

बेजान हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

मैं जल रहा हूँ, या बुझ चुका हूँ

मैं चल रहा हूँ, या रुक चुका हूँ

अब कुछ चुभता नहीं, क्यों हैरान हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

मैं पिता हूँ, या पुत्र हूँ

मैं ब्रह्म हूँ, या शूद्र हूँ

मैं मुखर हूँ, या मौन हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

मैं प्रखर हूँ, या सांत हूँ

मैं मुल्क हूँ, या प्रान्त हूँ

मैं करता हूँ, या मुद्दा हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

मैं कल था, या आज हूँ

या कल का, एक राज़ हूँ

मैं विदित हूँ, या गुमनाम हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

मैं तेरा हूँ, या अपना हूँ

मैं सच हूँ, या सपना हूँ

मैं मान हूँ, या अपमान हूँ मैं। 

कौन हूँ मैं।

 

मैं शांति हूँ, या युद्ध हूँ

मैं मूढ़ हूँ, या बुद्ध हूँ

मैं सच्चा हूँ, या बेईमान हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

मैं साँझ हूँ, या सवेरा हूँ

मैं रोशन हूँ, या अंधेरा हूँ

मैं भरा हूँ, या वीरान हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

सोचता हूँ, पर समझता नहीं,

देखता हूँ, पर करता नहीं

मैं श्राप हूँ, या वरदान हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

मरता भी हूँ, जीता भी हूँ

पाता भी हूँ, खोता भी हूँ

मैं जर्रा हूँ, या आसमान हूँ मैं।

कौन हूँ मैं।

 

अमित बृज किशोर खरे 'कसक'

Insta ID: @amitbkkhare and @kasakastory





 

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