तू जहाँ से भी गुज़रे वहां रोशनी हो..!
तेरी राहों में बस ख़ुशी ही ख़ुशी हो..!!
तेरी पलकों पे हर दम सितारें सजे हो,
तेरी आँखों मै एक चमक दिल-नशीं हो..!
चाँद जलता रहे बस तुझे देख कर,
चांदनी एस कदर तेरे दिल मै बसी हो..!
मैं रहूँ न रहूँ इसका कुछ गम नहीं,
ना रहूँ गर तो दिल में तेरे कुछ तो कमी हो..!!
तू जहाँ से भी गुज़रे वहां रोशनी हो..!
तेरी राहों में बस ख़ुशी ही ख़ुशी हो..!!
अमित बृज किशोर खरे
"कसक"
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