Thursday, March 1, 2012

मैं जिंदा हूँ अब तक के वो मुझे मरने नहीं देता..!!


जाने क्यों वो साँसों की डोर टूटने नहीं देता,
बस दो कदम और चलने का वास्ता देकर मुझे रुकने नहीं देता..!

बात कहता है वो मुझसे हस-हस कर जी लेने की,
अजीब शख्स है मुझको चैन से रोने नहीं देता..!

आज हौसला देता है मुझे चाँद सितारों को छू लेने का,
वो प्यारा सा चेहरा मुझे टूटकर बिखरने नहीं देता..!

शायद जानता है वो भी इन आँखों में आंसुओ का सैलाब है,
जाने क्यों फिर भी वो इन आंसुओ को गिरने नहीं देता..!

मुझसे कहता है, "की हमें चाहता है वो हद से ज्यादा",
मैं जिंदा हूँ अब तक के वो मुझे मरने नहीं देता..!

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