Sunday, August 7, 2016

फिर कभी आऊंगा !!



कुछ आपकी सुनूंगा, कुछ अपनी सुनाऊंगा,
अभी वक़्त बहुत कम है, कल फिर कभी आऊंगा !
क्या हुआ जो आज छोड़ दिया तेरा दामन,
कल फिर नयी सुबह होगी, नया सूरज होगा,

कल फिर तेरे सामने ये सडी हुई सूरत ले आऊंगा !!

अमित बृज किशोर खरे “कसक”

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