Saturday, October 15, 2016

Happy Birthday MAYAN


Happy Birthday MAYAN

आज कल एक अजीब सी ख़ुशी रहती है,
मुस्कुराहट मेरे होंठो पे सजी रहती है !
कल तलक जिनकीं जेबों से चिल्लर चुराता था,
आज उन्हीं आँखों में ज़ोश और खुशियाँ रमी रहतीं है !!

आज तुममें मुझे मेरा आईना दिखता है
जब तुम मेरे पास भागकर आते हो घुटनों के बल,
कभी मैं भी येसे ही लिपट जाता था पापा के पैरों में !
वो लूना की आवाज आज भी कानों में गूंजती है !!

तुममें मुझे मेरा आईना दिखता है
जो उत्पाद तुम मचाते हो घर में,
कभी मैं भी पूरे मोहल्ले का सर दर्द हुआ करता था
वो डेक की तेज आवाज आज भी मोहल्ले को याद होगी !!

तुम एक नयी उम्मीद हो हमारे लिये
अभी चलना तो नहीं सीखा तुमने पर,
पूरे घर को सर पे उठा रखा है,
और सारी दुनिया तुम्हारे कदमों में है !!

आज फिर से हम अपना बचपन जी रहे हैं,
धीमे धीमे हम कुछ सपने सीं रहे हैं !
वही सपने जो कल पापा की आँखों में थे,
आज हम उन्ही लम्हों को फिर से पी रहे हैं !!

जी करता है कि फिर से बच्चा बन जाऊ !
पापा की गोद में बैठूं, और फिर से चिल्लर चुराऊं !!

जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं

अमित बी. के. खरे “कसक”


Monday, October 10, 2016

एक दीप और जलातें हैं....


एक दीप और जलातें हैं....

खुशियों का एक दीप,
सपनों का एक दीप !
एक दीप रंगों का,
एक दीप उमंगों का !

एक दीप और जलातें हैं......

खेत खलियानों में,
उमंगों की उड़ानों में !
झोपड़ी और मकानों में,
अनछुये अंधकारों में !

एक दीप और जलातें हैं......

रोशनी और विनोद का,
आस्था और आलोक का !
आशीषों की मधुर छांव का,
पावन सुन्दर गांव का !

एक दीप और जलातें हैं......

अन्नदाता और किसान का,
पालनहार भगवान का !
देवोमय मेहमान का,
आखिर में हर इंसान का !

एक दीप और जलातें हैं......
एक दीप और जलातें हैं......

अमित बी.के. खरे “कसक”